आंध्र प्रदेश
में फंसा बेटा,
स्कूटी से 1400 KM सफर तय कर बेटे को तेलंगाना लेकर लौटी मां
महिला का नाम
रजिया बेगम (48)
है. रजिया
सोमवार सुबह स्थानीय पुलिस की परमिशन लेने के बाद स्कूटी से अकेले आंध्र प्रदेश के
नेल्लोर के लिए निकली थीं.
आंध्र प्रदेश के
नेल्लोर में फंसा था निजामुद्दीन
बेटे को लाने को
मां ने तय किया 1400
KM सफर
स्थानीय पुलिस
से ली थी नेल्लोर जाने की मंजूरी
हैदराबाद: देश
में कोरोनावायरस (Corona
virus) से बचाव के चलते
21
दिनों का
लॉकडाउन (Lockdown
in India) लगाया गया है.
हर राज्य की पुलिस सख्ती से लॉकडाउन का पालन भी करवा रही है. इस दौरान केवल
अति-आवश्यक चीजों को लाने ले जाने की अनुमति दी गई है. तेलंगाना में एक मां का
अनोखा रूप देखने को मिला,
जिसने बेटे को
वापस लाने की जिद ठानी और लॉकडाउन की परवाह न करते हुए स्कूटी पर 1400 किलोमीटर का सफर तय किया और बुधवार शाम बेटे
को साथ लेकर घर लौटी.
महिला का नाम
रजिया बेगम (48)
है. रजिया
सोमवार सुबह स्थानीय पुलिस की परमिशन लेने के बाद स्कूटी से अकेले आंध्र प्रदेश के
नेल्लोर के लिए निकली थीं. उन्होंने बताया, 'एक महिला के लिए छोटे टू-व्हीलर पर ये सफर आसान नहीं था लेकिन बेटे को वापस
लाने की मेरी इच्छाशक्ति के आगे ये डर भी गायब हो गया. मैंने रोटी पैक कीं और निकल
पड़ी. रात में कोई ट्रैफिक नहीं, सड़क पर कोई लोग नहीं,
ये डराता जरूर
था लेकिन मैं अपने रुख पर कायम थी.' रजिया हैदराबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर निजामाबाद स्थित एक सरकारी स्कूल में कार्यरत हैं. 15 साल पहले उनके पति की मौत हो गई थी. उनके दो
बेटे हैं. बड़ा बेटा इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है और दूसरा बेटा 19 साल का निजामुद्दीन पढ़ाई कर रहा है और वह
डॉक्टर बनना चाहता है.
निजामुद्दीन ने 12वीं की परीक्षा पास कर ली है और इस समय वह
एमबीबीएस एंट्रेस के लिए कोचिंग कर रहा है. वह 12 मार्च को अपने दोस्त को छोड़ने नेल्लोर के रहमताबाद गया था. वह कुछ दिन उसके
साथ रहा. कुछ दिन बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन की घोषणा हो गई, जिसके चलते वह वहीं फंस गया. वह घर लौटना
चाहता था लेकिन कोई जरिया नहीं था. रजिया बेगम ने तय किया कि वह बेटे को घर लेकर
आएंगी. उन्होंने अपने बड़े बेटे को पुलिस के डर से नहीं भेजा. कार से जाने के बजाय
उन्होंने स्कूटी से जाना तय किया. 6 अप्रैल की सुबह वह घर से निकलीं और लगातार स्कूटी चलाते हुए वह अगले दिन दोपहर
में नेल्लोर पहुंच गईं. बेटे को साथ लेकर वह वहां से निकलीं और बुधवार शाम वह बोधन
पहुंच गईं. रजिया बताती हैं कि वह रोटियां घर से रखकर ले गई थीं. रास्ते में वह
पेट्रोल पंप से पेट्रोल भराती रहीं और अपनी मंजिल की ओर बढ़ती रहीं. रजिया बेगम के
जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा.
Comments
Post a Comment