सुरज को धमकाने वाले
हम हैं शमआ बनाने वाले
आखों मे कुछ देर ठहर जा
दिल के अन्दर आने वाले
शीशो से क्या रखे तआललुक
पत्थर से टकराने वाले
ये बाज़ार है लगे हुए हैं
आने वाले जाने वाले
मिट्टी से कुछ काम भी ले ले
मिट्टी मे मिल जाने वाले
तेरी धमकी तेरे तक है
और होंगे डर जाने वाले
शायर सईद अख्तर
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