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जब यादो का जंगल महका
पलकें भीगी काजल महका
जब तुमने जुल्फे लहराई
सावन बरसा बादल महका
यू महके अशआर हमारे
जैसे कोई संदल महका
हक पर जिसने पायी शहादत
उनके लहू से करबल महका
अपना हुसैनी रंग है अख्तर
कत्ल हुये तो मक्तल महका
शायर- सईद अख्तर
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