कोरोंना वायरस और गजल




हमने  जमानेवालो  को  हैरान  कर  दिया
अपनी  जुबान ऐ खास  से ऐलान कर दिया
देखो   हमारी  मिडिया  ने धर्म  बताकर
ईस कोरोना वायरस को मुसलमान कर दिया
सईद अख्तर



नफरतो के घेरे मे चाहतो का क्या होगा
जहेर है हवाओ मे खुशबुओ का क्या होगा
दिल के आईने लेकर फिर रहे हो तूम लेकीन
पत्थरों की बारीश मे आईनो का क्या होगा
मजलूमो के चहेरे पर आसुओ से लिक्खा है
लूट लेंगे रहेबर तो काफलो का क्या होगा
साथ मे हवाओ के मुसलाधार बारीश है
सोचता हु मिटटी के ईन घरों का क्या होगा
अब तो शादियां करना मानो इक तिजारत है
ऐसे मे गरीबो की बेटीयों का क्या होगा
दिल हमारा खुद हमसे पुछता है ऐ अख्तर
दोस्त जख्म देंगे तो दुश्मनो का क्या होगा

शायर- सईद अख्तर

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